ऑनलाइन दन्त-परिधि निरिक्षण सारणी (पेरिओडोन्टल चार्ट) का उपयोग कैसे करें
एक ऑनलाइन दन्त-परिधि (पेरिओडोन्टल) निरिक्षण सारणी बनाने के लिए निम्नलिखित आंकड़े दर्ज किये सकते है: दांतों की गतिशीलता, फ़र्केशन की भागीदारी, मसूड़ों की सीमा (मिमी), प्रोबिंग डेप्थ (मिमी) और टिप्पणियाँ। दन्त-परिधि (पीरियोडॉन्टल) पॉकेट्स का प्रतिनिधित्व करने वाला नीला छायांकित क्षेत्र स्वचालित रूप से बनाया जाएगा , जब लाल रेखा जो मसूड़ों की सीमा का प्रतिनिधित्व करती है और नीली रेखा जो दन्त-परिधि अंतर्निहित स्तर (दन्त-परिधि पीरियोडोंटल पॉकेट तल) का प्रतिनिधित्व करती है, परिभाषित की जाती है।
फरकेशन की डिग्री एक वृत्त का उपयोग करके सनदी की जाती है। एक खुला वृत्त (डिग्री (स्तर) १), एक अर्धवृत्त (डिग्री (स्तर) २) और एक भरा हुआ वृत्त (डिग्री (स्तर) ३)।
किसी भी दाँत की संख्या पर स्पर्श करने से दाँत का उत्सादन हो जाएगा और साथ ही उसके सभी मूल्य क्षीण हो जाएंगे। SHIFT दबाए रखें और दाँत के सभी मानों को पुनर्गठित करने के लिए संख्या पर स्पर्श करें।
प्रत्यारोपित दांत (इम्प्लांट) बटन पर क्लिक करने से दांत के चिह्न को प्रत्यारोपित दांत (इम्प्लांट) चिह्नसे बदल दिया जाएगा।
रक्ततस्राव (बीओपी) और प्लाक प्रति दांत छह स्थलों पर (क्रमशः तीन गाल मुखी और तीन जिह्वा मुखी स्थल) पर दअभिलिखित किया जाएगा।
परिमाण दर्ज करने के बाद कर्सर को अगले क्षेत्र में स्वचालित रूप से ले जाने के लिए टैब कुंजी दबाएं।
फर्केशन कुंजी पर बार-बार क्लिक करने से किसी भी फर्केशन के स्तर (डिग्री) पर स्थापित करने की अनुमति मिल जाएगी:
१ क्लिक स्तर (डिग्री) १
२ क्लिक स्तर (डिग्री) २
३ क्लिक स्तर (डिग्री) ३
४ क्लिक पुनः स्नस्थापन
टिप्पणी क्षेत्र पर क्लिक करने से प्रत्येक दाँत के लिए एक छोटी टिप्पणी दर्ज की जा सकेगी ।
टिप्पणी :
प्लाक और रक्तस्राव दोनों की अभिलेखन सरल बनाया जा सकता है:
प्लाक" या "रक्तस्राव (बी ओ पी)" के नाम पर क्लिक करने से पूरी रेखा चिन्हित र्क हो जाएगी। समान लेबलों को शिफ्ट-क्लिक करने से, संबंधित लाइनें पुनर्गठित हो जाएंगी।
शिफ्ट-कुंजी को दबाकर, टैब को केवल माउस के चिन्ह से मँडरा कर सक्रिय किया जा सकता है (क्लिक किये बिना)।
ऑनलाइन दन्त-परिधि निरिक्षण सारणी (पेरिओडोन्टल चार्ट) को कैसे सहेजे
ऑनलाइन दन्त-परिधि (पेरिओडोन्टल) निरिक्षण सारणी को टेक्स्ट आलेख के समान हार्ड ड्राइव पर सहेजा नहीं जा सकता है। इसके अलावा, यह वेबसाइट फॉर्म में दर्ज किए गए किसी भी आंकड़े को सहेजती नहीं है।
हालाँकि, एक विकल्प के रूप में, वेबसाइट को एप्पल मैकिनटोश (Apple Macintosh) और विंडोज (Windows) PC दोनों पर PDF फ़ाइल के रूप में सहेजा जा सकता है। "प्रिंट" (मुद्रण) कमांड का उपयोग करने से निम्न विकल्पों में से एक का चयन करने के लिए प्रिंट संवाद खुल जाएगा: एडोब पीडीएफ या फ्रीपीडीएफ। ओके पर क्लिक करने से उपयोगकर्ता एक फ़ाइल नाम और स्थान चुन सकेगा जहां पीडीएफ फाइल को सहेजा जाना चाहिए।
मुद्रण सूचि में पीडीएफ के रूप में सहेजें (Save as PDF) चुनें।
टिप्पणी :
कागज़ का आकार A4 पर चुनना होगा। यदि आवश्यक हो (जैसे Apple Safari में), तो आलेख को 100% से कम किया जा सकता है।
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यह सारणी हस्त पुस्तिका के रूप में भी उपलब्ध है अगर किसी कारणवश रोगविषयक आंकड़े सहज न हो सके एवं बाद में आंकड़े इलेक्ट्रॉनिक रूप से सहजे जा सके
डाउनलोड करें: दन्त-परिधि निरिक्षण सारणी (पीरियोडॉन्टल चार्ट)
दन्त-परिधि निरिक्षण सारणी (पीरियोडॉन्टल चार्ट) का अंशांकन
दन्त-परिधि (पेरिओडोन्टल) निरिक्षण सारणी का लक्ष्य जिंजिवल रिसेशन , प्रोबिंग डेप्थ , और अंतर्निहित स्तर (अटैचमेंट लेवल) छह स्थलों पर प्रति दांत या प्रत्यारोपित दांत मिमी में रिकॉर्ड करना है। सभी मापों के लिए पीरियोडॉन्टल प्रोब से मापी गई सभी रीडिंग को राउंड अप करना उचित प्रतीत होता है।
१. मसूड़ों की सीमा (जिंजिवल मार्जिन,) प्रोबिंग डेप्थ और दन्त-परिधि अंतर्निहित स्तर (अटैचमेंट लेवल)
प्रत्येक स्थल पर, मसूड़ों की सीमा (जिंजिवल मार्जिन) का मान पहले निर्धारित किया जाएगा, उसके बाद दन्त परिधि "प्रोबिंग डेप्थ" का मापन किया जाएगा। दन्त-परिधि अंतर्निहित स्तर (अटैचमेंट लेवल) के मूल्य की गणना ऑनलाइन दन्त-परिधि (पेरिओडोन्टल) निरिक्षण सारणी द्वारा की जाएगी और आरेख में एक नीली रेखा के साथ प्रदर्शित की जाएगी।
पहले मान के रूप में मसूड़ों की सीमा (जिंजिवल मार्जिन) वो दुरी है जो की क्लिनिकल जिंजिवल मार्जिन से किसी भी संदर्भ बिंदु के बीच की दूरी है, जैसे कि अधिकतर स्थितियों में , वो बिंदु सीमेंटो-एनामेल जंक्शन (सीईजे) होता है. पुनर्वासित दांतो (क्राउन एवं रेस्टॉरेशन) की सीमा (मार्जिन) को एक संदर्भबिंदु के रूप में चुना जाना चाहिए, बशर्ते वे सीमेंटो-एनामेल जंक्शन (सीईजे) से कम से कम ३ मिमी तले पर हों, अन्यथा, मूल सीमेंटो-एनामेल जंक्शन (सीईजे) के स्थान पर एक आभासी संदर्भ रेखा का चयन किया जाना चाहिए।
दूसरे मान के रूप में "प्रोबिंग डेप्थ" क्रमशः जिंजिवल मार्जिन और जिंजिवल सल्कस या पीरियोडोंटल पॉकेट के निचले हिस्से के बीच की दूरी है।
प्रत्येक साइट के लिए अंतर्निहित स्तर (अटैचमेंट लेवल) की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जाएगी:
प्रोबिंग डेप्थ (मिमी) - जिंजिवल मार्जिन (मिमी) = अंतर्निहित स्तर (अटैचमेंट लेवल) (मिमी)
स्वस्थ दन्त-परिधि तंत्र (पेरिओडोंशीयम)
एक स्वस्थ दन्त-परिधि तंत्र (पेरिओडोंशीयम) में, सीमेंटो-एनामेल जंक्शन (सीईजे) , मसूड़ों की सीमा (जिंजिवल मार्जिन) के नीचे और दन्त-परिधि अंतर्निहित स्तर (अटैचमेंट लेवल) के ठीक ऊपर स्थित होता है। स्वस्थ दन्त-परिधि तंत्र (पेरिओडोंशीयम) वाली स्थलों पर कोई अंतर्निहित हानि नहीं होती है।
इस मामले में, जिंजिवल मार्जिन (१) और प्रोबिंग डेप्थ (२) दोनों के मान समान हैं।
ऊपर की आकृति में, अनुलग्नक स्तर की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जा सकती है:
अटैचमेंट लेवल ० mm = प्रोबिंग डेप्थ २ mm - जिंजिवल मार्जिन २ mm
स्वस्थ प्रत्यारोपित-दन्त परिधि (पेरीइम्प्लांट) ऊतक
स्वस्थ प्रत्यारोपित-दन्त (पेरिइमप्लांट) स्थलों पर, अधिरचना का मार्जिन प्रत्यारोपित-दन्त (पेरिइमप्लांट) म्यूकोसा के मार्जिन से कुछ नीचे स्थित होता है। स्वस्थ प्रत्यारोपित-दन्त (पेरिइमप्लांट) स्थलों पर कोई हड्डी का नुकसान नहीं होता है।
ऊपर की आकृति में, हड्डी (अंतर्निहित/अटैचमेंट) का स्तर की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जा सकती है:
एल्वोलर बोन (अंतर्निहित /अटैचमेंट) लेवल २ mm = प्रोबिंग डेप्थ ३ mm - म्यूकोसल स्तर १ mm
मसूड़ों की अतिवृद्धि (जिंजिवल हाइपरप्लासिया)
कुछ मामलों में, सीमेंटो-एनामेल जंक्शन (सीईजे) मसूड़ों की सीमा (जिंजिवल मार्जिन) से काफी नीचे स्थित हो सकता है, हालांकि अभी भी अंतर्निहित स्तर (अटैचमेंट लेवल) से ठीक ऊपर है। यह मसूड़े की अतिवृद्धि या जिंजिवल हाइपरप्लासिया के मामलों में होता है।
इस मामले में, फिर से, मसूड़ों की सीमा जिंजिवल मार्जिन) (१) और प्रोबिंग डेप्थ (२) के मान समान हैं।
ऊपर की आकृति में, अनुलग्नक स्तर की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जा सकती है:
अंतर्निहित स्तर (अटैचमेंट लेवल ० mm = प्रोबिंग डेप्थ ५ mm - मसूड़ों की सीमा (जिंजिवल मार्जिन) ५ mm
ध्यान दें: स्यूडो पॉकेट्स ४ मिमी या उससे अधिक के पॉकेट होते हैं जिनमें अटैचमेंट लॉस नहीं होता है
स्वस्थ प्रत्यारोपित-दन्त परिधि (पेरीइम्प्लांट) ऊतक सौंदर्यात्मक क्षेत्र (एस्थेटिक ज़ोन) में
स्वस्थ प्रत्यारोपित-दन्त (पेरिइमप्लांट) स्थलों सौंदर्यात्मक क्षेत्र (एस्थेटिक ज़ोन) में , सुपरास्ट्रक्चर का मार्जिन प्रत्यारोपित-दन्त परिधि (पेरीइम्प्लांट) म्यूकोसा के स्तर के नीचे स्थित होता है। सौंदर्यात्मक क्षेत्र (एस्थेटिक ज़ोन) में स्वस्थ पेप्रत्यारोपित-दन्त (पेरिइमप्लांट) स्थलों पर कोई हड्डी का नुकसान नहीं होता है।
ऊपर की आकृति में, हड्डी के स्तर की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जा सकती है:
एल्वोलर बोन (अटैचमेंट) लेवल २ mm = प्रोबिंग डेप्थ ५ mm - म्यूकोसल मार्जिन ३ mm
पीरियोडोंटल पॉकेट
कुछ रोगग्रस्त स्थलों पर, सीमेंटो-एनामेल जंक्शन (सीईजे), मसूड़ों की सीमा जिंजिवल मार्जिन) से कुछ नीचे या ऊपर स्थित हो सकता है। मसूड़ों की सीमा (जिंजिवल मार्जिन) और पीरियोडॉन्टल पॉकेट के निचले हिस्से के बीच की दूरी को फिर पीरियोडॉन्टल प्रोबिंग डेप्थ (२) के रूप में दर्ज किया जाता है।
ऊपर की आकृति में, अनुलग्नक स्तर की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जा सकती है:
अटैचमेंट लेवल ५ mm = प्रोबिंग डेप्थ ७ mm - जिंजिवल मार्जिन २ mm
नोट: सक्रिय पीरियोडोंटल थेरेपी के बाद> 4 मिमी के पीरियोडोंटल पॉकेट्स को अवशिष्ट (रेसिडुअल) पॉकेट कहा जाता है।
प्रत्यारोपित-दन्त परिधि (पेरीइम्प्लांट) पॉकेट
पेरिइमप्लांटाइटिस वाले स्थलों पर, अधिरचना का स्तर प्रत्यारोपित-दन्त परिधि (पेरीइम्प्लांट) म्यूकोसा के स्तर से कुछ नीचे या ऊपर स्थित हो सकता है। इसके बाद म्यूकोसल मार्जिन और प्रत्यारोपित-दन्त परिधि (पेरीइम्प्लांट) पॉकेट के निचले हिस्से के बीच की दूरी को प्रत्यारोपित-दन्त परिधि (पेरीइम्प्लांट) प्रोबिंग डेप्थ (२) के रूप में अभिलिखित किया जाता है।
ऊपर की आकृति में, हड्डी के स्तर की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जा सकती है:
एल्वोलर बोन (अटैचमेंट) लेवल ६ mm = प्रोबिंग डेप्थ ७ mm - म्यूकोसल मार्जिन १ mm
जिंजिवल रिसेशन
जिंजिवल रिसेशन वह स्थिति है जब जिंजिवल मार्जिन सीमेंटो-एनामेल जंक्शन के तल पर स्थित होता है। जिंजिवल मार्जिन (१) के रूप में नोट किया गया मान नकारात्मक मान के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए।
ऊपर की आकृति में, अनुलग्नक स्तर की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जा सकती है:
अटैचमेंट लेवल ६ mm = प्रोबिंग डेप्थ २ mm - जिंजिवल मार्जिन -४ mm
पेरीइम्प्लांट रिसेशन
पेरिइमप्लांट रिसेशन वह स्थिति है जो तब देखी जाती है जब म्यूकोसल मार्जिन अधिरचना के स्तर के तल पर स्थित होता है। म्यूकोसल मार्जिन के रूप में नोट किया गया मान (१) को नकारात्मक मान के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए।
ऊपर की आकृति में, हड्डी (लगाव) स्तर की गणना निम्न सूत्र के आधार पर की जा सकती है:
एल्वोलर बोन (अटैचमेंट) लेवल ४ mm = प्रोबिंग डेप्थ २ mm - म्यूकोसल मार्जिन २ mm
प्रति दांत या प्रत्यारोपित-दन्त के लिए छह स्थलों
पीरियोडॉन्टल पॉकेट और अटैचमेंट दोनों स्तरों की माप के लिए प्रति दांत या प्रत्यारोपित-दन्त के लिए छह स्थलों का चयन महत्वपूर्ण है।संरोधकीय निरीक्षण के समय प्रत्येक दांत या प्रत्यारोपित-दन्त को छह खंडों में विभाजित किया जाता है। प्रत्येक खंड के लिए सबसे गहरी दन्त-परिधि (पीरियोडोंटल) या प्रत्यारोपित-दन्त परिधि (पेरीइम्प्लांट) डेप्थ वाले स्थल को अभिलेखित किया जाना चाहिए।
दंतपरिधि (पीरियोडोंटल) प्रोब का कोणीयकरण
दन्तपरिधि (पीरियोडोंटल) प्रोब निरिक्षण के लिए दांत की जड़ की सतह के साथ भीतर प्रविष्ट की जाती है । उपकरण को दांत की मीसीओ डिस्टल धुरी के समानांतर रखते हुए क्रमशः मीसीओ-डिस्टल दिशा ए या बी में कोणीय होना चाहिए (बक्कल-लिंगुअल दिशा में कोणों से बचें)।
२. फ़र्केशन इन्वॉल्वमेंट की गंभीरता
सभी चर्वणक और ऊपरी जबड़े के पहले अग्रचर्वणक का मूल्यांकन एक फरकेशन प्रोब के साथ किया जाना चाहिए। जांच के क्षैतिज घटक को निम्नलिखित मानदंडों के अनुसार वर्गीकृत किया गया है (0 - 3) (Hamp et al., 1975):
ग्रेड ० = फ़र्केशन का पता नहीं लगाया जा सकता
ग्रेड १ = जांच ३ mm के क्षैतिज घटक के साथ पता लगाने योग्य फ़र्केशन
ग्रेड २ = जांच के क्षैतिज घटक के साथ फ़र्केशन का पता लगाने योग्य > ३ मिमी
ग्रेड ३ = फरकेशन आर-पार खुल जाता है
३. दांत की गतिशीलता
दांत की गतिशीलता को दो एक-सिरे वाले उपकरणों का उपयोग करके निर्धारित किया जाना चाहिए और मानदंडों के अनुसार मूल्यांकन किया जाना चाहिए। (Miller, 1950)
ग्रेड ० = सामान्य (प्रकृतिस्थ) दांतों की गतिशीलता
ग्रेड १ = पता लगाने योग्य गतिशीलता (क्षैतिज रूप से १ मिमी तक)
ग्रेड २ = पता लगाने योग्य गतिशीलता (क्षैतिज रूप से १ मिमी से अधिक)
ग्रेड ३ = पता लगाने योग्य ऊर्ध्वाधर दांत गतिशीलता
Literature
Miller S. C., Textbook of Periodontia, 3rd edition, The Blakiston Co., Philadelphia and Toronto,1950.
Hamp S. E., Nyman S., Lindhe J., Periodontal treatment of multirooted teeth. Results after 5 years. J. Clin. Periodontol. 1975;2:126–135. doi: 10.1111/j.1600-051X.1975.tb01734.x.
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